Sunday, June 11, 2017

महाभारत की लोककथा - भाग 11

‘‘कार्य में विलम्ब घातक है’’
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महाभारत की कथा में छत्तीसवीं कड़ी में प्रस्तुत एक लोककथा।
‘‘कार्य में विलम्ब घातक है’’ 

   
प्राचीन काल की बात है। एक घने जंगल में एक तालाब था। उसमें तीन मछलियाँ रहती थीं। तीनों अपने-अपने गुणों के अनुसार कार्य करती थीं। एक बार जब संकट आने का अंदेशा हुआ, तब तीनों ही मछलियों ने अपने-अपने गुणों के अुनसार निर्णय लिया। फिर क्या हुआ, इसे जानने के लिये इस कथा को पढ़ें।

 
एक सुन्दर संदेश देती इस कथा को पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।


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http://pawanprawah.com/paper.php?news=2229&page=10&date=05-06-2017


विश्वजीत ‘सपन’

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