Thursday, January 4, 2018

महाभारत की लोककथा - भाग 41

‘‘धैर्य की परीक्षा’’ अंतिम भाग 
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महाभारत की कथा की 66वीं कड़ी में प्रस्तुत यह लोककथा। 


महाभारत से भी प्राचीन काल की बात है। एक बार च्यवन ऋषि राजा कुशिक के धैर्य की परीक्षा लेने के विचार से उनके पास गये और उन्होंने शर्त रखी कि उन्हें मुनि की सभी बातें माननी होगी। उनकी परीक्षा कठिन से कठिन होती चली गयी और प्रजा हाहाकार कर उठी। राजा कुशिक क्या उस परीक्षा में सफल हो पाये? इसे विस्तार से पढ़ने के लिये नीचे दिये लिंक को क्लिक करें अथवा चित्र में इस कथा को पढ़ें।

http://pawanprawah.com/admin/photo/up2728.pdf

http://pawanprawah.com/paper.php?news=2728&page=10&date=01-01-2018




विश्वजीत ‘सपन’

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